गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति द्वारा आयोजित “समान नागरिक संहिता: समय की आवश्यकता” विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन तीस जनवरी मार्ग, गांधी स्मृति में किया गया। इस अवसर पर केरल के माननीय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उपस्थित लोगों को समान नागरिक संहिता पर संबोधित किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री व गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के उपाध्यक्ष श्री विजय गोयल ने की।
श्री आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि 'समान नागरिक संहिता' देश की एकता के लिए बहुत आवश्यक है। यह दुर्भाग्य है कि कुछ लोग इसे धर्म से जोड़कर देख रहे हैं। जबकि सामान नागरिक संहिता किसी धर्म को टारगेट नहीं करती। अपितु यह देश के लोगों के लिए समान कानून की बात करता है।
उन्होंने कहा कि ये कानून यह काम करेगा कि अगर दो महिलाएं समान परिस्थितियों में कोर्ट जाती हैं तो कोर्ट यह नहीं पूछेगा कि तुम्हारा क्या धर्म है। बल्कि समान रूप से न्याय हर नागरिक का हक है। ये कानून यही सुनिश्चित करेगाI 2019 से लेकर आज तक मुस्लिमों में तीन तलाकों के मामलों में 96 प्रतिशत कमी आई है I इसका फायदा उन महिलाओं और उनके बच्चों को हुआ, जो तीन तलाक के बाद परेशान थे और उनके पास कोई साधन नहीं था I इस कानून से उनकी जिंदगी बदल गईI इसी प्रकार यूनिफार्म सिविल कोड भी आम नागरिकों के हितों की रक्षा करेगा।
श्री आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भारत क्रांतियों का नहीं, सक्रांतियों का देश है। हम अपनी सांस्कृतिक विविधताओं को साथ लेकर जीते हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए श्री विजय गोयल ने कहा कि इस बात की आवश्यकता महसूस की जा रही है कि भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए समान कानून होना चाहिए, चाहे वह किसी भी जाति और धर्म का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता का उद्देश्य एक पंथ निरपेक्ष कानून होता है।
श्री गोयल ने कहा कि यूसीसी के विरोधियों का कहना है कि यह क़ानून धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करेगा। जबकि यह क़ानून लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, धर्म के आधार पर भेदभाव कम करने और कानून प्रणाली को सरल करने में मदद करेगा। इसका सबसे ज्यादा लाभ अल्पसंख्यकों को ही होगा।
श्री गोयल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना किसी भेदभाव के काम करते हैं। उन्होंने अल्पसंख्यकों, महिलाओं, गरीबों सबके उत्थान के लिए काम किया है। तीन तलाक पर पाबंदी हो यो उज्ज्वला योजना या फिर जन धन योजना, इन योजनाओं से सभी धर्म के लोगों खासकर महिलाओं को बहुत फायदा पंहुचा है।
राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
समान नागरिक संहिता: समय की आवश्यकता
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