गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति एवं बामयान विंटर स्कूल द्वारा गांधी दर्शन में नवरोज उत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया. गांधी- बादशाह खान सप्ताह के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में अफगानी गीत-संगीत की स्वरलहरियों के बीच भारत और अफगानिस्तान की संस्कृति के विविध रंग देखने को मिले.
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित सिक्किम के पूर्व राज्यपाल डा बी पी सिंह ने कहा कि नवरोज खुशी, संगीत व शांति का त्यौहार है. ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से भारत और अफ़ग़ानिस्तान के सांस्कृतिक रिश्ते और मजबूत होंगे.
गांधी स्मृति एवम दर्शन समिति के कार्यकारीणि सदस्य एवं सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक श्री बिंदेश्वर पाठक ने गांधी जी और खान अब्दुल गफ्फार खान के सम्बन्धों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि दोनों अहिंसा और शांति के पुजारी थे. आज के दौर में शांति की समाज को बहुत आवश्यकता है.
प्रो नारायण भाई ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि वे खान अब्दुल गफ्फार खान से मिले थे. वे एक महान व्यक्तित्व थे.
गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के निदेशक श्री दीपंकर श्री ज्ञान ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के संबंध प्राचीन काल से हैं. महाभारत में कांधार नरेश की पुत्री गांधारी का जिक्र आता है, जो भारत की महारानी बनीं. खान अब्दुल गफ्फार खान को भी भारत में सीमांत गांधी कहा जाता है. भारत और अफगानिस्तान के संबंध संस्कृति और पठन पाठन के आदान प्रदान से और मजबूत हुए हैं.
कार्यक्रम में गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के अहिंसक संचार पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों ने पाठ्यक्रम की विशेषताओं पर अपने विचार प्रकट किये. सभी अतिथियों का समिति की ओर से स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया.
इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया. कार्यक्रम में श्री हमीदुल्लाह, सुश्री आयशा, नजीर अहमद सहित भारत और अफगानिस्तान के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे.
अंतर्राष्ट्रीय नवरोज उत्सव आयोजित
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